एक विहंगावलोकन पृ-70
हैदराबाद केंद्र
स्थापना1976 में दक्षिण भारत के प्रथम केंद्र के रूप में हैदराबाद केंद्र की स्थापना हुई थी। उस समय इसका कार्यक्षेत्र दक्षिण के चारों राज्यों अर्थात् आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक और केरल के साथ-साथ गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा, दमन तथा दीव, पांडिचेरी, अंडमान निकोबार तथा लक्ष्यद्वीप था, दायित्व मैसूर केंद्र को सौंप दिया गया। गुजरात, दमन तथा दीव के कार्यक्रम पहले मुख्यालय के द्वारा तथा अब अहमदाबाद केंद्र के द्वारा संचालित हो रहे हैं। इस प्रकार वर्तमान में हैदराबाद केंद्र के कार्यक्षेत्र के अतंर्गत आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, महाराष्ट्र गोवा, पांडिचेरी तथा अंडमान निकोबार आते हैं। हैदराबाद केंद्र में प्राथमिक मिडिल, माध्यमिक और महाविद्यालयों (स्नातकोत्तर) के हिंदी अध्यापकों के लिए लघु अवधि के नवीकरण पाठ्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। केंद्र के कार्यक्षेत्र में आने वाले राज्यों में और केंद्र सरकार की स्वैच्छिक संस्थाओं, नवोदय विद्यालयों, केंद्रीय विद्यालयों, आश्रम पाठशालाओं, चिन्मय विद्यालयों तथा हैदराबाद हिंदी प्रचार सभा, दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा आदि स्वैच्छिक संस्थाओं के प्राथमिक से लेकर उच्च स्तर तक के हिंदी शिक्षकों के लिए नवीकरण पाठ्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। साथ ही इस केंद्र द्वारा प्रयोजनमूलक पाठ्यक्रम जैसे रेलवे विभाग, डाक विभाग, वित्त विभाग आदि केंद्र सरकार की संस्थाओं के कर्मचारियों के लिए पाठ्यक्रमों का आयोजन किया जाता रहा है। अब तक पूर्णकालिक क्षेत्रीय निदेशक1. डॉ. वी. रा. जगन्नाथन - प्रोफेसर (01.07.1976 से 01.05.1981) 2. डॉ. सीताराम शास्त्री - रीडर (02.05.1981से 08.08.1983) 3. डॉ. वी. रा. जगन्नाथन - प्रोफेसर (09.08.1983 से 30.09.1987) 4. डॉ. कृष्ण कुमार शर्मा - प्रोफेसर (09.03.1988 से 30.08.1991) 5. डॉ. मा. गोविन्द चतुर्वेदी - प्रोफेसर (05.09.1991 से 30.06.1994) 6. डॉ. पी विजयराघव रेड्डी - रीडर (01.07.1994 से 30.06.1998) 7. प्रो. धर्मपाल गांधी - प्रोफेसर (01.07.2001 से 31.07.2001) 8. प्रो. टी. के. नारायण पिल्लै - प्रोफेसर (16.07.2001 से 31.07.2010) 9. प्रो. वाई शाकुंतलम्मा - प्रोफेसर (01.08.2010 से)
|