समन्वय छात्र पत्रिका-2011 पृ-5:1
विभागाध्यक्षअध्यापक शिक्षा विभाग
केंद्रीय हिंदी संस्थान आगरा - 282005
संदेश
समन्वय का यह अंक स्वर्ण जयंती वर्ष का अंक है। सन 1952 के जुलाई महीने में परम श्रद्धेय मोटूरी सत्यानारायण जी की सद्प्रेरणा से दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा के आदरणीय श्री सुब्रह्मण्यम जी ने नागरी प्रचारिणी सभा के परिसर में अखिल भारतीय हिंदी परिषद् नाम से हिंदी प्रदेशों के अध्यापकों/प्रचारकों के लिए इस संस्था को शुरू किया। श्रद्धेय देवदूत विद्यार्थी जी उनके स्थानीय निकटस्थ सहयोगी थे। बाद में यह संस्था विजयनगर कॉलानी, आगरा के एक छोटे से मकान में स्थानांतरित हुई और फिर 25, दयालबाग, आगरा में आ गई। 30 अप्रैल, 1980 को संस्था अपने स्वयं के परिसर में स्थानांतरित हुई। 15 मार्च, सन 1960 में भारत सरकार ने इस संस्था को 'केंद्रीय हिंदी शिक्षण मण्डल' नामक संस्था गठित कर उसमें शामिल कर लिया। इस प्रकार सरकार द्वारा स्वायत्त संस्था के रूप में स्थापित होकर यह संस्था 51वें वर्ष में कार्यरत है। पहले इस संस्था के सभी कार्यक्रमों के पीछे राष्ट्रसेवा, हिंदी सेवा का भाव था, अत: अनुसंधान एवं शोध के द्वारा यह महत्वपूर्ण कार्य कर पाई, जिसकी वजह से इसे राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति मिली।
(राजकमल पाण्डेय)
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