उसे एक सपना समझूँ, या
एक प्यारा-सा हादसा
उसे एक भीख समझूँ, या
फिर किसी की बद्दुआ
जो भी हो...(1)
मुझे कभी लगता अच्छा
कभी एक धोखा,
गिरकर आगे बढ़ने का हौसला
या खुद को जान पाने का एक मौका
जो भी हो...(2)
रात को याद आता है,
हकीकत में दूर जाता है...
उसके आने-जाने में
दिल बहुत रोता है
पता नहीं वो क्या सोचता है
अनदेखा करके जैसे देखता है...
जो भी हो...(3)
कभी-कभी राह में
आँखें उसको देखती हैं,
लब मुस्कराते हैं,
वो आँखें फेर लेता है...
उस मीठी सी चुप्पी में
दिल बहुत कुछ कहता है।
रात को सारी बातें सताती हैं,
और धीरे से यादें बन जाती हैं...
जो भी हो...(4)
मुस्कान
आँखों में हों सपने,
दिल में उठे अरमान
जिंदगी बिखेरती है खुशबू
जब लबों पे हो मुस्कान।
चेहरे की खूबसूरती
दु:खों का बादल हटाए,
भूलों के गमों की उलझनें
जीवन में खुशियाँ लाएँ।।
यह जिसके पास रहे
भूल जाये वह रोना,
दुश्मन भी बैर भुलाकर।
बनाए सबको अपना।।
सूनी जिंदगी से सूनापन
और ले जाए तन्हाई
बड़ी उमंगों से भरकर
जीवन में मुस्कान आई।।
कभी किसी के आँसू पोछे
कभी देती है विश्वास,
एक छोटी सी मुस्कान को
हमेशा रखो अपने पास।।