स.पू.अंक-13,अक्टू-दिस-2011,पृ-4
भूपेन जी का व्यक्तिगत जीवन भी हमेशा चर्चा का विषय रहा। उनकी प्राय: महत्वपूर्ण उपलब्धि के बाद विवाद खड़े हो जाते थे। क्योंकि कलाकार का निजी या व्यक्तिगत जीवन भी आमलोगों के लिए आकर्षण का केन्द्र बना रहता था। सन 1963 में प्रियम्वदा हजारिका के साथ प्रणय सूत्र टूट जाने को लेकर भी अनेक कहानियाँ प्रचलित हैं। खैर, सन 1973 में मुम्बई के चलचित्र निर्देशक आत्माराम ‘आरोप’ फ़िल्म की शूटिंग के लिए असम आते हैं। उनके साथ उनकी सत्रह वर्षीय भाँजी कल्पना लाजमी भी असम में आती हैं। कल्पना के साथ वही परिचय बाद में घनिष्ठ जीवन–संबंध के रूप में बदल जाता है। कल्पना लाजमी भी प्रतिष्ठित चलचित्र निर्देशिका हैं। संस्कृति के विशाल सागर में दोनों एक साथ कभी तैरते थे, कभी डुबकी लगाते थे और कभी नाव में सवार होकर कोसों मील दूर चले जाते थे। एक के जीवन को दूसरे ने देखा था, सजाया था और समझा भी था। पर तथाकथित प्रणय सूत्र से दोनों दूर थे। सामाजिक बंधन नहीं बल्कि हृदय का बंधन परस्पर के लिए सर्वोपरि थे। भूपेन हजारिका के सांस्कृतिक जीवन को कल्पना लाजमी के बिना और कल्पना के अवदानों को भूपेन जी के बिना देखना मुमकिन नहीं है। कुल मिलाकर सारांश यह है कि भूपेन हजारिका का जीवन और कृतित्व व्यापक शोध का विषय रहा है। निश्चित रूप से वे आधुनिक असम के शंकरदेव रहे। ब्रह्मपुत्र के नाइटिंगेल भूपेन हजारिका की अंतिम शव यात्रा में भी लाखों लोगों ने श्रद्धांजलि देकर इतिहास रचा। भूपेन हजारिका मर कर भी अमर हैं, अमर रहेंगे। संपर्क सूत्र : भूपेन हजारिका का जीवन-दर्शन और व्यक्तित्व
1. भूमिकासंगीताकाश के संगीत–सूर्य डॉ. भूपेन हजारिका बहु–आयामी व्यक्तित्व के धनी थे। असम–रत्न हजारिका जी असम अथवा भारत के ही नहीं पूरे संसार के लिए वे एक विश्व रत्न थे। वे संगीत रचनाकार, सुरकार, संगीतकार, संगीत–निर्देशक, वाद्य–यंत्र वादक, अभिनेता, सिनेमा निर्देशक तो थे ही साथ ही साथ एक अच्छे कवि, गद्यकार, निबंधकार, नाट्यकार आदि भी थे। वे समन्वयवादी थे, कल्याणकारी थे, शांतिदूत थे। वे मानवतावादी थे, मानव के कल्याण के लिए स्वप्नदृष्टा थे। 2. जन्मअसम के सांस्कृतिक गगन के ध्रुवतारा, जातीय–जीवन के उज्ज्वल रत्न, लोहित्य के दोनों किनारों के निवासियों को जातीय प्रेम से उद्बुद्ध कराने वाले, विभिन्न जाति–उपजातियों के बीच मित्रता स्थापित कराने वाले महान शिल्पी भूपेन हजारिका का जन्म सन 1926 के 8 सितम्बर को शदिया (असम) में हुआ था। नीलकांत हजारिका उनके पिता थे। वे स्कूल उप–परिदर्शक थे। बाद में वे एस.डी.सी. बने थे। माँ का नाम था शांतिप्रिया हजारिका। भूपेन हजारिका के सात भाई और तीन बहने थीं। वे ज्येष्ठ थे। |
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