स.पू.अंक-13,अक्टू-दिस-2011,पृ-57
कथा मंजरीश्रंखल (असमिया भाषा से)
श्यामल की पूरी दुनिया जैसे मंत्री, विधायकों के साथ ही है। नौकरी के वृत्त से निकलकर दूसरी बातों की ओर ध्यान देने के लिए जैसे श्यामल के पास समय की कमी है। शायद श्यामल को उन्नति के शिखर तक पहुँचने की ज्यादा जल्दी हो रही है। रास्ते से लोगों का आना–जाना अगर बढ़ा जाय या कोई दूसरा कुत्ता दौड़ता है, तो टाइगर जोर से भौंकने लगता है। हाथ–पाँव मारकर वह गले से बंधे हुए जंजीर से मुक्त होने की कोशिश करता है। टाइगर का यह दृश्य देखकर मुझे लोनी मौसी की याद आती है। मेरी शादी से पहले लोनी मौसी ने मेरी माँ के सामने जो बाते कही थी, उन बातों की आवाज मेरे कानों मे गुँजने लगती हैं, "देख तो दीदी, बनु कितनी किस्मत वाली है! उसने कितने अच्छे लड़के को पसंद किया था। वह यहाँ–वहाँ नहीं भटकी। काश, हमारी मामोनि भी एक ऐसे ही लड़के को पसंद करती, तो हम कभी आपत्ति न करते। कितने धूम–धाम से हम उसकी शादी करवाते।" लोनी मौसी का एक यही बहुत बड़ा दु:ख है। अपनी इकलौती बेटी मामोनि की शादी अपनी इच्छानुसार धूम–धाम से नहीं करवा सकी। मामोनि ने अपने माँ–बाप को वह सुविधा ही नहीं दी। सुपरिण्टेंडिंग इंजीनियर बिपुल काठ हजारिका के विशाल वैभव और अभिजात्य के बीच बड़े प्यार से बड़ी होने वाली मामोनि ने कब पास की कचहरी में क्लर्क का काम करने वाले मन्मय बरूआ का बेटा विजन को अपना मन–प्राण सौंप दिया, मौसी को पता ही नहीं चला। जब पता चला, लोनी मौसी ने जोरदार विरोध किया। अच्छा गाना गाने के अलावा विजन का ऐसा क्या गुण है कि मामोनि बावरी हो गयी। पर लौनी मौसी के विरोध के बाद अपने प्यार का जोर दिखाने के लिए मामोनि एक दिन विजन के साथ भाग गयी। चारों ओर ढूँढने के बाद एक देहात गाँव से दोनों को लाया गया। प्रभावशाली मौसा ने विजन को पुलिस के द्वारा ऐसी सजा दिलवायी कि उसकी एक आँख हमेशा के लिए खराब हो गयी। इस घटना ने मामोनि को और जिद्दी बना दिया। एक साल तक वह कॉलेज आती–जाती रही और फिर वह गायब हो गयी। इस बार मामोनि ने जल्द ही कोर्ट में भी अपनी शादी रजिस्टर करवा ली। रो–रोकर लौनी मौसी बिस्तर में ही लेटी रही। मौसा ने गरज कर मौसी को सावधान किया, "देखना, तुमने अगर फिर उसे इस घर में पाँव रखने दिया, तो मैं पूरा घर जला डालूँगा।" उसके बाद मौसा का ब्लड प्रेशर हाई हो गया, पर जिद छोड़कर बेटी की खबर लेने नहीं गए। अपनी एकलौती बेटी से न मिल पाने के दु:ख से लोनी मौसी बेचैन हो गयी। पर मौसा के कारण वह जा भी नहीं पाती। उस दिन मुझे बाहों में लेकर लोनी मौसी ने कहा था, "प्यार करना बुरी बात नहीं है। पर देखकर ही प्यार करना चाहिए।" |
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